खुद को नर्सिंग का नंबर 1 गुरु बताने वाले ग्लोबल UV द्वारा लगातार उसके इंस्टाग्राम पर ऐसी पोस्ट एवं वीडियो डाले जा रहे है जिसमें वो छात्रों को पास होने की गारंटी दे रहा ओर उसके बताए गए प्रश्न परीक्षा में आने की भी गारंटी दे रहा है अब मामला यू है अगर परीक्षा में ग्लोबल यूवी के बताए प्रश्न नहीं आए तो छात्र फेल हो गए तो उसका जिम्मेदार कौन ओर अगर प्रश्न आ गए तो कही मामला पेपर लीक का तो नहीं सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे दावे किए जा रहे है कानून का भी उल्लंघन कर रहे एवं छात्रों को भ्रम में डालने का कार्य हो रहा है
मध्यप्रदेश के नर्सिंग छात्रों के बीच इन दिनों एक नाम खूब सुर्खियां बटोर रहा है – “Guru Global UV”। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर खुद को “नंबर-1 नर्सिंग गुरु” और “राष्ट्रीय नर्सिंग यूनियन का अध्यक्ष” बताने वाला यह शख्स लगातार ऐसे वीडियो और पोस्ट कर रहा है जिसमें बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं – “Follow करो, VVI प्रश्न मिलेगा, पास होने की गारंटी है”, “100% प्रश्न मैच करेगा इस बार”, “सीधा तीर लगेगा निशाने पर, डंके की चोट पर”। सुनने में यह सब उतना ही रोमांचक लगता है जितना कोई ज्योतिषी भविष्यवाणी करता है, लेकिन सवाल यह है कि – आखिर कोई भी परीक्षा गुरु इतना ओरेकल (Oracle) कैसे बन सकता है कि उसे पहले से पता हो सवाल कौन से आएंगे? शिक्षा जगत से जुड़े लोग मान रहे हैं कि यह न तो पढ़ाई है और न ही ईमानदारी से मेहनत कराने का प्रयास, बल्कि यह छात्रों को शॉर्टकट और गारंटी के लालच में फंसाने का कारोबार है। छात्रों के बीच भी इस पर मजेदार चर्चा चल रही है – कोई इसे “नर्सिंग गुरु नहीं, नर्सिंग ज्योतिषी” कह रहा है, तो कोई मजाक में “ग्लोबल बाबा UV” बोलकर हंसी उड़ा रहा है। दरअसल असली गुरु वो होता है जो छात्रों को किताबों और मेहनत से आगे बढ़ने की प्रेरणा दे, लेकिन यहां खुलेआम कहा जा रहा है कि “सवाल मेरे बताए हुए ही आएंगे और गारंटी से पास कराऊंगा”। अब जरा सोचिए – अगर वाकई ऐसा है तो यह सीधा प्रश्नपत्र लीक जैसी साज़िश बनती है, और अगर झूठ है तो यह साफ तौर पर छात्रों से ठगी है। दोनों ही हालत में शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा है। इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर खुद को “MP No.1 Nursing Guru” बताना और बार-बार “Capsule Course”, “Chapterwise VVI Questions” और “Special Batch” के नाम पर प्रचार करना छात्रों को तो आकर्षित करता है, लेकिन उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि “शिक्षा में कोई शॉर्टकट नहीं होता, मेहनत ही सफलता की गारंटी होती है”। लेकिन यहां तो पढ़ाई की जगह गारंटी की दुकान खोल दी गई है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन और शिक्षा विभाग इस तरह के दावों को गंभीरता से लेगा या फिर यह “ग्लोबल UV” अपने फॉलोअर्स और बैचों की भीड़ बढ़ाकर सोशल मीडिया का “ग्लोबल तमाशा” बनाता रहेगा। छात्रों को चाहिए कि ऐसे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा करने के बजाय खुद मेहनत करें और अधिकारियों को भी इस पर जांच करनी चाहिए कि यह “नर्सिंग गुरु” वाकई पढ़ाई करा रहा है या सिर्फ भरोसे और उम्मीदों की मंडी लगा रहा है।




